Horror Story In Hindi
भैंस बनी डायन
एक गांव में एक राजकुमार ( राजा का बेटा ) और उसके दो दोस्त कुमहार तथा खाती (जो नीची जाति के थे ) रहते थे। तीनों में गहरी मित्रता थी एक दूसरे को देखे बगैर खाना तक नहीं खाते थे। लेकिन तीनों में एक बुरी आदत थी, “नशा करने की आदत”। राजा को अपने बेटे का नीची जाति के लोगों के साथ उठना – बैठना और नशा करना कतई मंजूर नहीं था। इस मसले पर राजा, राजकुमार को रोज ताने देता था। राजकुमार भी प्रतिदिन के ताने सुन उबने लगा था।
दूसरी तरफ दोनों मित्रों के परिवार वाले भी उनके काम – धंधा न करने और नशे की आदत से परेशान थे। राजा और दोनों मित्रों के परिवार वालों ने इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए अपने – अपने बेटो को घर से निकलने पर रोक लगा दी।
तीनों दोस्तों का एक – दूसरे से मिलना बंद हो गया। जो एक दूसरे को देखे बगैर खाना तक नहीं खाते थे। अब उन्हें घर की चारदीवारी में कैद कर दिया गया था। एक रोज किसी न किसी तरह वे एक दूसरे से मिले और घर से भागने की रणनीति बनाई। अगले ही दिन तीनों मित्र अपना – अपना सामान लेकर घर छोड़ कर चले गए।
तीनों घर से भाग तो गए थे, लेकिन अब रहना कहां है यह एक बड़ा सवाल था ! चलते – चलते वे अपने गांव से बहुत दूर पहुंच गए। जहां उन्हें एक बहुत सुंदर महल दिखा तो उन्होंने वहां एक दिन रहने की सलाह बनाई। जब उन्होंने महल के अंदर जाकर देखा तो उन्हें ऐसा प्रतीत हुआ मानो इस महल की कारीगरी बहुत बड़े विद्वानों द्वारा की गई हो। महल अंदर से बहुत ही सुंदर और साफ – सुथरा था, लेकिन अचंभे की बात यह थी कि वहां रहने वाला कोई नहीं था। इतनी सुंदर कारीगरी के बावजूद भी वह एकदम विरान था।

जो इन तीन दोस्तों के आगे एक रहस्यमई सवाल बन गया। महल के बीच में केवल एक काली भैंस बंधी रहती थी, जो बिना अपनी पलक झपकाए तीनों को लगातार घुर रही थी। भैंस प्रतिदिन एक बाल्टी दूध देती थी।
महल में खाने पीने का सामान भी भरपूर था, दिन – प्रतिदिन वे अच्छा खाते और एक बाल्टी दूध मिल बांट कर पीते। दिन अच्छे गुजर रहे थे लेकिन घर में किसी आदमी का ना होना अभी भी एक बड़ा सवाल था ? एक रात तीनों दोस्त सो रहे थे लेकिन राजकुमार को यह बात सता रही थी कि इतना सुंदर महल आखिर है किसका ? जो इस कदर विरान पड़ा है।
अचानक राजकुमार की नजर खिड़की की ओर पड़ी। जहां एक बहुत ही सुंदर स्त्री राजकुमार को इशारा कर अपनी ओर बुला रही थी। राजकुमार इस वीरान महल में इतनी सुंदर स्त्री को देख दंग रह गया और अपने दोस्तों को बताए बिना उसके पीछे – पीछे चल दिया वह केवल उसकी सुंदरता पर मोहित होकर स्त्री के पीछे नहीं गया था, बल्कि कारण था “सवाल से पर्दा उठाना”।
इस बीच उसने देखा भैंस जो पूरे दिन खुट्टे से बंधी थी, वहां से गायब थी जैसे उसे किसी ने मुक्त कर दिया हो। जब वह स्त्री राजकुमार को अपनी सीमा में ले गई तब उसने अपना भयानक रूप दिखाया उसके दांत मानो उसके मुंह से भी बड़े हो गए, बाल जमीन से सट गए, एक काला रूप जो उसकी वास्तविकता दर्शा रहा था, राजकुमार को अपने भयंकर दांतो से चबा गई।

सुबह हुई तो दोनों दोस्त उठे। राजकुमार जो उस डायन का शिकार हो चुका था के ना दिखने पर उनके मन में अलग-अलग धारणाएं बनने लगी जिसमें मुख्य भी, “राजा का बेटा हम गरीबों के साथ भला कितने दिन रह सकता है”? चला गया होगा। दोबारा रात हुई ( भैंस केवल रात को ही दूध देती थी ) अब भैंस ने दो बाल्टी दूध देना शुरू कर दिया था।
भैंस का यूं अचानक दो बाल्टी दूध देना कुमहार को खल गया। अब उसे भी रात को नींद सताने लगी तब उसे भी एक सुंदर स्त्री इशारे करने आई और वह उसके पीछे – पीछे चल दिया जो दुर्घटना राजकुमार के साथ हुई थी। वही कुमहार के साथ भी दोहराई गई। सुबह खाती अकेला रह गया अब जब कुमहार भी गायब हो गया तो उसे शक होने लगा कि महल में कोई गड़बड़ जरूर है। अन्यथा दोनों मुझे यू अकेला छोड़कर नहीं जा सकते।
जब वह रात को अकेला दूध निकालने गया तो भैंस ने तीन बाल्टी दूध दिया। उसे अब भैंस पर शक होने लगा था। उसने रात को ना सोने का निर्णय किया।उसने सारी रात छुपकर भैंस की निगरानी की जब डायन का समय हुआ तो फिर से वह एक स्त्री का रूप लेकर खासी के कमरे की ओर चल दी।
इस दृश्य को देख खाती अत्यधिक भयभीत हो गया। अब उसके पास वहां से भागने के अलावा और कोई दूसरा उपाय नहीं था। उसे वहां से भागता देख डायन अपने भयंकर रूप में आ गई और भागते – भागते दोनों महल के बाहर पहुंच गए। खाती डायन से बचने के लिए पेड़ पर चढ़ गया। सुबह होने में कुछ ही पल बचे थे। देखते ही देखते सुबह होने लगी। दूर से एक राजा अपने घोड़े पर सवार वहां से गुजर रहा था। राजा को देख डायन ने दुबारा सुंदर स्त्री का रूप बना लिया। राजा स्त्री को देखते ही रुक गया और उसकी सुंदरता देख उसे अपनी रानी बनाने का निर्णय करता है।
राजा ने खाती से जो पेड़ पर चढ़ा बैठा था स्त्री का मौल – भाव किया “असल में डायन का” खाती तो डायन से मुक्त होना चाहता था उसने कहां, राजा ₹5 दो और स्त्री ले जाओ। ( उसने ₹5 में अपना पीछा भी छुड़वा लिया और डायन भी भेज दी )। राजा अपने साथ उसे अपने महल ले आया। वहां पहुंचकर डायन को पता लगा कि राजा की पहले से ही सात रानियां है। जिसमें सबसे छोटी रानी के आज ही बचा हुआ था।
डायन को बच्चे की खुशबू आने लगी ( डायन को कच्चा मांस बहुत पसंद होता है ) रात को सबके सोने के बाद वह छोटी रानी के कमरे में गई और बच्चें को वहां से उठा लाई और बच्चे को भी खा कर मार डाला। अगले दिन सुबह जब बच्चा ढूंढने से भी नहीं मिला तो यह सबके लिए एक रहस्य बन गया। राजा की सबसे बड़ी रानी बजरंगबली की भक्ति थी। उसे महल में डायन होने का एहसास होने लगा था। वह समझ चुकी थी कि राजा एक रानी के रूप में महल में डायन ले आए हैं। जब उसने डायन के बारे में राजा को बताया तो राजा इतनी सुंदर स्त्री को खोने के डर से उन्हें झूठा ठैराता रहा।
थोड़े दिन बाद एक रानी को दोबारा बच्चा हुआ। तब भक्त रानी ने राजा को रात में न सोने की सलाह दी ताकि राजा अपनी आंखों से देख सके और डायन के अस्तित्व पर यकीन कर सके। डायन खड़ी हुई उसे बच्चे की महक सताने लगी। वह बच्चे की महक के साथ-साथ रानी के कक्ष की ओर बढ़ने लगी राजा और भक्त रानी भी डायन के पीछे – पीछे हो लिए। जैसे ही डायन ने बच्चा उठाया वह अपने भयंकर रूप में आ गई।
उसके इस भयंकर रूप को देखकर सबकी आंखें बाहर आ गई जैसे ही उसने बच्चे को खाने की कोशिश की राजा और भक्त रानी ने उसे पकड़ लिया। भक्त रानी ने इसी डर से अपने गुरुजनों को महल में बुला रखा था। सभी गुरुजनों ने अपने तंत्र – मंत्र के साथ डायन पर काबू पाया तथा एक श्मशान क्षेत्र के बीच चौराहे पर उसे दफनाया गया।
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